रहस्यमाई चश्मा भाग - 32
मंगलम चौधरी दरभंगा लौट आये और अपनी नियमित कार्यो में व्यस्त हो गए साथ ही साथ उन्होंने सुयश को व्यवसाय के व्यवहारिक शिक्षा के लिए पढ़ने के लिए लंदन भेजने का फैसला लिया और सुयश को आदेशात्मक लहजो में जैसे कोई भी पिता अपने सपनो कि हकीकत कि भावी ऊंचाई को अधिकार पूर्ण देता है बोले बेटे तुम अपनी तैयारी पूर्ण कर लो लंदन जाने कि क्योकि यदि तुम्हे मंगलम चौधरी के साम्राज्य में कार्य करना है तो उच्च शिक्षा अनुभव कि आवश्यकता होगी जो अभी अपने देश मे उपलब्ध नही है,,,,
देश कुछ ही वर्ष आज़ाद हुआ है और पुननिर्माण में लगा है ।तुम्हे लंदन अवश्य जाना ही होगा और मैं तुम्हारी माँ सारिका को खोजने का हर सम्भव प्रायास करूंगा सुयश बोला बाबूजी आप तो माँ का नाम तक भूल जा रहे है सारिका नही मॉ का नाम शुभा है मंगलम चौधरी बोले सारिका भी तो है सुयश बोला बाबूजी आज आपको क्या हो गया है,,,,
तब एकाएक मंगलम चौधरी को अपनी गलती का एहसास हुआ और बोले सही कह रहे हो शुभा ही तो है सुयश को क्या मालूम कि मंगलम चौधरी अपने ही अतीत के उस पन्ने को पलट बैठें अपने युवा बेटे के ही समक्ष जिसमे स्प्ष्ट अंकित था सारिका मेरी शुभा का सुंदरतम सृजन सुयस ने अपने लंदन जाने कि तैयारी कर ली सभी व्यवस्थाओं को मंगलम चौधरी पहले से ही सारी व्यवस्था कर रखी थी सुयश लंदन उच्च शिक्षा के लिये चला गया और भेजा है स्वंय चौधरी साहब ने ही जब यह सच्चाई सिंद्धान्त को पता चली तो चिंतित हो गया,,,,
क्योकि उंसे भी उच्च शिक्षा के लिए चौधरी साहब ने लंदन ही भेजा था मुझे तो चौधरी साहब ने अपना नाम दिया है लेकिन सुयश से चौधरी साहब का क्या संबंध है जो उस पर इतना मेहरबान है और वह सुयश और मंगलम चौधरी के रिश्ते की वास्तविकता पर एक तरह से शोध ही करने लगा।मंगलम चौधरी के गांव से लौटने के बाद श्यामचरण जी ने ग्राम पंचायत स्व ग्रामसभा कि पच्चीस एकड़ भूमि लड़कियों की शिक्षा के लिए देने का अनुरोध किया प्रस्ताव ही ऐसा था कि विरोध करने का दुस्साहस कोई कर ही नही सका और ग्रामसभा ने गांव से बाहर लग्भग सौ एकड़ ग्राम सभा भूमि से पच्चीस एकड़ शुभा शिक्षा संस्थान को दे दी,,,,
जिसे प्रथम चरण में बालिका इंटरमीडिएट कॉलेज की स्थापना करनी थी ।और ग्राम सभा का निर्णय एव भूमि का स्वामित्व दोनों लेकर श्यामाचरण जी ग्राम पंचायत सदस्यों को साथ लेकर स्वंय गए ग्राम पंचायत के सदस्य एव स्वंव श्यामाचरण जी मंगलम चौधरीं के ठाट बाट हवेली रुतबा देख समझ ही नही पा रहे थे कि क्या वे सभी उसी मंगलम चौधरीं से मिलने आये है जो गांव के मंदिर में जमीन पर बैठा और शुभा के विखरे छप्पर में बैठकर भोजन किया मंगलम चौधरी ने ग्रामपंचायत सदस्यों का बहुत जोरदार स्वागत किया सभी को ऐसी अनुभूति हो रही थी कि जैसे वे सभी स्वर्ग के अतिथि है जो पृथ्वी पर उनके किसी सद्कर्मो से उतर आया है प्रत्येक पँचायत सदस्य को आठ दस सेवक बिभिन्न सेवाओ के लिए मिले हुए थे महके पलंग चांदी के वर्तनो में उच्चस्तरीय व्यंजन आदि उनके लिए कल्पना मात्र थे,,,,
जो उन्हें प्रत्यक्ष सुलभ हो गया था।मंगलम चौधरी ने स्वंय श्यामाचरण जी का अति संवेदनशीलता भावातिरेक एव उच्चतम महिमा गरिमा से स्वागत अभिनंदन किया और पूरे एक सप्ताह का विशेष आतिथ्य का दायित्व निभाया मंगलम चौधरी ने ग्राम पंचायत के सदसयो ने शुभा शैक्षिक संस्थान के पक्ष में ग्राम सभा की सौ एकड़ जमीन से पच्चीस एकड़ का स्वामित्व मंगलम चौधरीं को सौंप दिया और आश्वासन भी दिया कि भविष्य में आवश्यकता पड़ने शेष पचहत्तर एकड़ भी सौंप दिया जाएगा।मंगलम चौधरी ने ग्राम सभा सदस्यों को शुभा शिक्षा संस्थान के सदस्य के रूप में एव श्यामचरण जी को अध्यक्ष एव पण्डित तीरथ राज जी को महा मंत्री बना कर समिति की घोषणा कर दिया और स्वंय के लिए संरक्षक कि भूमिका निर्धारित कर सर्वसम्मति से एक बाई लाज बनाया गया एव आचरण नियमावली ये सभी औपचारिकता को ही पूर्ण करने में सप्ताह भर का समय बीत गया सप्ताह भर के अल्प काल मे ही ये सब इसलिये सम्भव हो सका क्योकि मंगलम चौधरी कि प्रतिष्ठा सभी सरकारी विभागों में तो थी ही सभी विभागों के कर्मचारियों एव अधिकारियों के मन मे मंगलम चौधरी के लिए उच्च सम्मान था।
कालेज समिति को कालेज भवन निर्माण कि जिम्मेदारी सौंपी और मिल के ड्राइंग अधिकारी मुकुल मिश्रा को सौंपा कॉलेज निर्माण के लिए सभी आवश्यक औपचारिकता पूर्ण करने के बाद पर्याप्त धन राशि कि व्यवस्था कर दिया और समिति से निवेदन किया कि शुभा कन्या इंटरमीडिएट कॉलेज सम्पूर्ण गांव एव मिथिलांचल का गौरव होगा जो कन्याओं कि शिक्षा का लौ जलाएगा कन्याओं में ज्ञान का सांचार करेगा और एक शसक्त समाज के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा सभी व्यवस्थाओं के पूर्ण होने के बाद शुभा कन्या इंटरमीडिएट कॉलेज समिति के सभी सदस्य श्यामचरण कि अध्यक्षता में शुभा कन्या इंटरमीडिएट कॉलेज के शीघ्र निर्माण के लिए संकल्प लेकर मंगलम चौधरीं से आदेश आशीर्वाद लेकर चलने की अनुमति मांगी चौधरी साहब ने मेहुल कुमार एव शाश्वत शंकर जो उनके व्यक्तिगत कार चालक थे,,,,
शुभा कालेज समिति को सदस्यों को गांव तक छोड़ने का आदेश दिया मेहुल कुमार और शाश्वत शंकर दोनों ही अपनी अपने करो के साथ हाज़िर हो गए चलने से पहले श्यामाचरण ने चौधरी साहब से विनम्रता पूर्वक अनुरोध किया कि स्वंय चौधरी साहब ही कॉलेज निर्माण के लिए भूमि पूजन करे मंगलम चौधरी ने उतनी ही सौम्यता विन्रमता से श्यामाचरण के अनुरोध पर अपना निवेदन प्रस्तुत कर दिया बोले श्यामा चरण जी कॉलेज निर्माण कि उसके निर्बाध संचालन कि सम्पूर्ण जिम्मेदारी समिति के लोंगो कि है जो सभी आपके नेतृत्व में कार्य करेंगे अतः भूमि पूजन उद्घाटन आदि शिक्षकों की भर्ती आदि सम्पूर्ण कार्यो का निष्पादन के दायित्व का भी निर्वहन आप ही करेंगे हम सिर्फ औऱ सिर्फ आपके गांव के विकास के उत्कर्ष के मुक साक्षी रहेंगे शाश्वत शंकर एव मेहुल कुमार ने बड़ी विनम्रता से कार में बैठने का निवेदन किया,,,,
kashish
09-Sep-2023 08:07 AM
Amazing
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madhura
06-Sep-2023 05:14 PM
Very nice
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